बंगाल मंत्री का/की/उनकी शिक्षा की अद्वितीय विधि

एक ओर जहां विद्यार्थी किताबों से ज्ञान प्राप्त करते हैं, वहीं उल्टे तौर पर एक बंगाल मंत्री ने शिक्षा को बदल दिया/नया रूप दिया/परिवर्तित किया है। उसके/वह/यह विद्या का तरीका विशिष्ट है और यह हर किसी की आँखें/ध्यान।

मंत्री/महोदय/सरकार ने प्राचीन ग्रंथों/पुराने शास्त्रों/पारंपरिक ज्ञान को अपनाया/शुरू किया/लिखा है और अपने शिक्षकों/सलाहकारों/गुरुओं से सीख रहा है।

  • उनकी/यह/इसका शिक्षा पद्धति में ध्यान, ध्यानपूर्वक
  • पुस्तकों की पढ़ाई

इस अनोखे तरीके से/यह अद्भुत प्रक्रिया के द्वारा/उसकी इस अलग विधि से मंत्री/सरकार/वेस्ट बंगाल का प्रतिनिधि अपना ज्ञान बढ़ा रहा है/अपनी शिक्षा को और गहरा कर रहा है/नए दृष्टिकोण को प्राप्त कर रहा है।

“वीडियो देखकर पढाई कराओ तो मुलांना ज्ञान नसतेल': शास्त्रज्ञ"

एक नए अध्ययन के अनुसार “विद्यापतियों” ने कहा है कि वीडियो देखकर पढ़ाई करने से बच्चों को वास्तविक ज्ञान नहीं मिलता। वे कहते हैं कि “ध्यान केंद्रित करना” बेहतर होती है जब बच्चे किताबें पढ़ते हैं और “अपनी सोच”।

“विद्यार्थी पढ़ने के माध्यम से”

बंगाल में शिक्षा का नया आयाम : वीडियो से सीख रहे छात्र

बंगाल में शिक्षा/समाज/विद्यालय का नया आयाम आ रहा है। अब छात्र वीडियो/फिल्म/डिजिटल कंटेंट से सीख रहे हैं। सरकार/विद्यालय/शिक्षा संस्थानों द्वारा उन्नत/नए/आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल/प्रयोग/लाभ उठाया जा रहा है, जिससे छात्रों को सुगम/अधिक प्रभावी/आसान तरीके से सीखने का अवसर मिल रहा है।

  • उपकरण/तरीका/पद्धति के जरिए शिक्षा को और रोचक बनाया जा रहा है।
  • छात्रों/युवाओं/बच्चों में रुचि/जिज्ञासा/उत्साह बढ़ रहा है।
  • शिक्षकों/गुरुओं/अध्यापकों को भी नये तरीकों से शिक्षण का अवसर मिल रहा है।

क्या वीडियो सीखने से होता है बच्चे का विकास? विवाद शुरू हुआ

एक नया बहस शुरू है कि बच्चों को वीडियो देखकर सीखने से उनका विकास कैसे होता है। कुछ लोग मानते हैं कि वीडियो एक शिक्षाप्रद तरीका है बच्चों को नई चीजें सिखाने का, जबकि दूसरे लोगों का कहना है कि यह बच्चों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

उनका बहस इसलिए हो रही है क्योंकि कई माता-पिता अपने बच्चों को वीडियो देखकर सीखने का तरीका देते हैं। कुछ बच्चे वीडियो देखकर बहुत जल्दी सीखते हैं, लेकिन दूसरों को यह मुश्किल लगता है।

यह बहस जारी है और अभी तक कोई फैसला नहीं निकाला गया है।

शिक्षण पद्धतियों में बदलाव : वीडियो क्लास ने छोड़ा असर

एक समय था जब पाठ्यपुस्तकें https://betnanews24.com/national/%E0%A6%AA%E0%A6%B0%E0%A6%AC%E0%A6%B0%E0%A7%8D%E0%A6%A4%E0%A7%80-%E0%A6%AA%E0%A7%8D%E0%A6%B0%E0%A6%9C%E0%A6%A8%E0%A7%8D%E0%A6%AE%E0%A7%87%E0%A6%B0-%E0%A6%9C%E0%A6%A8%E0%A7%8D%E0%A6%AF-%E0%A6%B8%E0%A6%AE%E0%A7%83%E0%A6%A6%E0%A7%8D%E0%A6%A7-%E0%A6%93-%E0%A6%9F%E0%A7%87%E0%A6%95%E0%A6%B8%E0%A6%87-%E0%A6%AA%E0%A7%83%E0%A6%A5%E0%A6%BF%E0%A6%AC%E0%A7%80-%E0%A6%B0%E0%A7%87%E0%A6%96%E0%A7%87-%E0%A6%AF%E0%A7%87%E0%A6%A4%E0%A7%87-%E0%A6%B9%E0%A6%AC%E0%A7%87-:-%E0%A6%A1.-%E0%A6%87%E0%A6%89%E0%A6%A8%E0%A7%81%E0%A6%B8 और बोर्ड ही शिक्षण का केंद्र रहते थे। लेकिन, प्रौद्योगिकी ने शिक्षा को पूरी तरह बदल दिया है और विशेष रूप से वीडियो कक्षाओं का प्रभाव देखने लायक है। पहले| अब छात्र घर बैठे ही विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

यह एक बेहतर और सरल तरीका है ताकि वे अपनी गति से सीख सकें और हर समय कहीं भी जाकर पढ़ाई कर सकें।

वीडियो शिक्षा: बंगाल में नई नीति पर सवाल उठे

पश्चिम बंगाल सरकार ने हाल ही में वीडियो शिक्षा को बढ़ावा देने वाली एक नई नीति लागू की है। यह नीति शिक्षण / सीखने / ज्ञान प्राप्ति में क्रांति लाने का दावा करती है, लेकिन कुछ लोग इस नीति के बारे में प्रश्न चिन्ह उठा रहे हैं। उनका मानना है कि वीडियो शिक्षा / ऑनलाइन शिक्षा / डिजिटल शिक्षा सभी छात्रों के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती है, खासकर जिनके पास इंटरनेट और तकनीकी सुविधाओं तक सीमित पहुँच है।

यह नीति / इस नीति से / इससे जुड़े कुछ अन्य समस्याएं भी हैं। इनमें शिक्षकों की प्रशिक्षण का अभाव शामिल है।

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